तुम्हारे पैरहन के कोने से झूल रही थी अब तजुर्बों की गवाहियाँ सुनते सुनते मैली होचली तुम्हारे पैरहन के कोने से झूल रही थी अब तजुर्बों की गवाहियाँ सुनते सुनते ...
क्योंकि मैं मुलाकात इन्सान से करना पसंद करती हूँ ओहदे से नहीं। क्योंकि मैं मुलाकात इन्सान से करना पसंद करती हूँ ओहदे से नहीं।
जो नजरों से गिर जाये उसे उठाना नहीं। जो नजरों से गिर जाये उसे उठाना नहीं।
अनसुनी करते बह गया वक्त अधूरी तमन्ना से क्या ज़िंदगी सजे। अनसुनी करते बह गया वक्त अधूरी तमन्ना से क्या ज़िंदगी सजे।
इंतज़ार और आस इंतज़ार और आस
इंसान हैं हम कोई भगवान नहीं, गलतियाँ हमसे ना हो ये हो नहीं सकता भटक जाते हैं रास्ता इंसान हैं हम कोई भगवान नहीं, गलतियाँ हमसे ना हो ये हो नहीं सकता भटक जाते ...